कहानी के पहले भाग में हमने पढ़ा कि आकाशअपनी लाइफ में बिल्कुल अकेला होता है और तभी उसकी जिंदगी में शिवानी नाम के एक लड़की की Entry होती है
शिवानी को देखते ही देखते आकाश अपना पूरा साल निकाल देता है, कई महीनो तक वो बस शिवानी को देखता ही रह जाता है
पर कुछ दिनों बाद वो हिम्मत करके शिवानी के पास जाता है और उसे अपने दिल का हाल बता देता है
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अब आगे…
क्योंकि आकाश भी एक समझदार लड़का था तो उसने शिवानी को समझाने की बजाय, उसकी बातों को समझा और भारी मन से बोला ठीक है मैं उस दिन का इंतजार करूंगा
धीरे धीरे Exam खत्म हो गए और अब बारी आ गई Result के दिन की, जिस दिन शिवानी ने आकाश से मिलने का वादा किया था
पर उस दिन पता नहीं क्यों पर शिवानी आई ही नही और बाद में आकाश को पता चला की शिवानी के पापा आए और उसका Result लेकर चले भी गए
उस दिन मानो आकाश के ऊपर दुःखो का पहाड़ टूट पड़ा हो, क्योंकि जिस दिन का इंतजार आकाश इतने समय से कर रहा था, वो दिन आया ही नहीं या यूं कह लो की कब आकर चला गया पता ही नही चला
पर कहते है ना हर जख्म का इलाज होता है वक्त, धीरे-धीरे वक्त ने आकाश के इस जख्म को भी भर दिया, और अब उस बात को बीते कई साल हो चुके थे
पर शायद वक्त को कुछ और वक्त चाहिए था आकाश का जख्म भरने के लिए, पर तब तक आकाश की मुलाकात शिवानी से ही गई
आकाश को एक Book Launch Event के लिए बुलाया गया था और जब आकाश ने उस Book के Writer का नाम शिवानी पढ़ा तो बिना कुछ सोचे उसने आने के लिए हां कह दिया
आकाश के पैरों के नीचे से जमीन तब घिसक गई जब उसने सच में शिवानी को वहां देखा
शिवानी को देखते ही आकाश को सारी पुरानी बातें याद आ गई, पर आकाश ने सोच लिया था की वो शिवानी से बात किए बिना वहां से नहीं जायेगा
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Book Launch Event खत्म हुआ सब वहा से चले गए Stage पर बचे थे तो सिर्फ शिवानी और आकाश,
दोनो एक दूसरे को देख रह थे पर दोनो में से किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी की पहले बात कौन शुरू करे
पर कहते है ना Ladies First, शिवानी ने आकाश से कहां - इतने दूर क्यों बैठे हो, यहा मेरे पास आओ,
आकाश ना चाहते हुए भी शिवानी पास वाली Chair पर जाकर बैठ गया
शिवानी - शायद तुम्हे पता नहीं पर शो खत्म हो चुका है, आकाश के मन में कई सारे सवाल थे पर उनको किनारे करते हुए आकाश ने धीरे से पूछ कैसी हो तुम?
शिवानी - मैं ठीक हूं तुम बताओ
आकाश - मैं भी ठीक हूं
शिवानी ( मुस्कुराते हुए ) - लगता है तुम्हारी बीवी तुम्हे कुछ ज्यादा ही खिलाती है, ज्यादा ही मोटे हो गए हो तुम!
आकाश - मैंने अभी तक शादी नहीं की, और शायद कभी कर भी ना पाऊं, मेरा छोड़ो तुम अपना बताओ
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शिवानी - मैं आज भी तुमसे वही कहूंगी जो पहले कहती थी, मुझे अपने Future पर Focus करना है
आकाश - मैंने उस दिन शाम तक तुम्हारा इंतजार किया, मुझे पता था की तुम नहीं आओगी पर बार बार मैं अपने आप को झुठी तसल्ली देता रहा की शायद तुम आ जाओ
पर झूठ कितना भी बड़ा क्यों ना हो सच के सामने हमेशा छोटा ही होता है, मुझे जानना है की उस दिन तुम क्यों नहीं आई
अगर तुम्हारे दिल में मेरे लिए कुछ नहीं था तो तुमने मुझसे मिलने का झूठा वादा क्यों किया
शायद शिवानी के पास इसका कोई जवाब नही था इसीलिए वो चुप चाप बस आकाश की बातें सुन रही थी
आकाश - शायद तुमने बिना कुछ कहे ही मुझे जवाब दे दिया है, चलो मैं भूल जाता हूं उस दिन को
और शिवानी के सामने अपने घुटनो पर बैठ जाता है और कहता है "मैं सब कुछ भूलने को तैयार हूँ पर क्या तुम भी सबकुछ भूलकर मुझे अपनाने को तैयार हो"
ये कहते हुए आकाश की आंखों में आसूं आ गए उसने कहा "मैं तुमसे अपने प्यार की भीख मांगता हूं Please मुझे मेरा प्यार दे दो"
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शिवानी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा "मैं अब वो शिवानी नही रही जो 12th Standard में थी
और शिवानी ने बगल में रखी छड़ी उठाई और उसके सहारे उठने लगी, "जब मैं अपना आखिरी Exam देकर घर जा रही थी तब मेरा Accident हो गया था और उसकी वजह से मैं आज तक चल नही पाई
अगर मैं चाहती तो मैं उस दिन भी तुमसे मिलने आ सकती थी पर शायद मुझे तुम्हारा जवाब पता था इसीलिए मैं वहा नही आई
कुछ भी कहने से पहले तुम एक बार अच्छी तरह सोच लेना, इतना कहकर शिवानी वहा से जाने लगी
आकाश ने पीछे से आवाज लगाया और कहा मैंने तुम्हे आज तक गलत समझा पर आज मुझे पता चल गया कि गलत तुम नहीं मैं था जो बिना कुछ जाने तुम्हारे लिए ना जाने क्या-क्या सोचता था
अगर तुम उस दिन मुझे ये सब बता देती तो शायद मेरे दिल में तुम्हारे लिए प्यार कम हो जाता क्योंकि उस समय मैं नादान था
पर आज नही, मैं अपने पूरे होशोहवास में तुमसे अपने प्यार का इजहार करता हूं
मैने तुमसे प्यार करता हूं नाकी तुम्हारे चेहरे, तुम्हारी चाल, या तुम्हारे नजर से!
अगर तुम भी मुझसे प्यार करती हो तो मेरे प्यार को कुबूल करो, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं, क्या तुम मुझसे शादी करोगी?
शिवानी पीछे पलटती है और कहती है मुझे मंजूर है, तुम्हारे प्यार की अर्जी, हां मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं!
कुछ दिनों बाद दोनो अपने घरवालों की मर्ज़ी से शादी कर लेते है और शादी के बाद शिवानी को कभी ऐसा महसूस नहीं होता की वो चल नहीं सकती
बल्कि फेरो के समय भी जब शिवानी छड़ी का सहारा लेकर चलने की कोशिश करती है तो आकाश उसके हाथ से छड़ी ले लेता है और उसे अपनी गोद में उठा कर फेरे लेता है
दोनो खुशी-खुशी रहने लगते है, एक दिन जब आकाश अलमारी से अपने कपड़े निकाल रहा होता है तो अलमारी से एक कापी गिर जाती है, आकाश उसे उठता है और खोलकर देखता है
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फिर वो शिवानी को आवाज देकर अपने पास बुलाता है और उसे वो कापी दिखाते हुए कहता है "ये तुम्हारे पास कहा से आयी, पता है मैने इसे कितना ढूंढा"
शिवानी ने मुस्कुराते हुए कहा - याद करो जब हम College में थे और मैं Notes मांगने आई थी तो तुमने उसकी जगह मुझे ये दे दिया था
वो कुछ और नहीं बल्कि शिवानी के Sketches की कॉपी होती है जो आकाश ने गर्मियों की छुट्टियों में बनाई थी
आकाश - अगर मैने ये तुम्हे गलती से दे दिया था, तो तुमने मुझे इसे लौटाया क्यों नहीं
शिवानी - क्योंकि जब मैंने इन्हे देखा तो ये मुझे काफी पसंद आये और मुझे नही पता था की हम दोबारा कभी मिल पाएंगे की नही, इसीलिए मैंने इसे तुम्हारी याद बहुत संभाल कर रखा था
आकाश, शिवानी की तरफ देखता है और कहता है - इसका मतलब तुम भी मुझसे 12th Standard से ही प्यार करती थी
इस कहानी में बस इतना ही दोस्तों उम्मीद है आपको आज का पार्ट और पूरी कहानी पसंद आई होगी अगर ये कहानी आपकी जिंदगी से भी कुछ मिलती जुलती हो तो हमे Comments करके जरुर बताएं
पहले भाग की तरह इस भाग को भी अपना प्यार दे, अपनी Family और Friends के साथ इस कहानी को Share करके, मिलते है ऐसी ही कमाल की अगली कहानी के साथ तब तक अपना ख्याल रखे
अपना जिंदगी से कीमती समय निकाल कर इस कहानी को पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद!
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